पहले ब्रिक्स और अब G-20... क्या 'गिरफ्तारी के डर' से भारत नहीं आ रहे रूसी राष्ट्रपति पुतिन?
AajTak
भारत की अध्यक्षता में 9 और 10 सितंबर को दिल्ली के प्रगति मैदान में G-20 समिट होने जा रही है. हालांकि, इस समिट में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल नहीं होंगे. पुतिन इससे पहले साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हुई ब्रिक्स समिट में भी शामिल नहीं हुए थे. ऐसे में सवाल उठता है पुतिन विदेश आने-जाने से बच क्यों रहे हैं?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन G-20 समिट के लिए भारत नहीं आएंगे. रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने बयान जारी कर बताया है कि पुतिन का शेड्यूल बिजी है और उनका पूरा फोकस यूक्रेन में चल रहे 'विशेष सैन्य अभियान' पर है.
राजधानी दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को G-20 समिट होने जा रही है. इस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत दुनिया के तमाम देशों के राष्ट्रप्रमुख शामिल होंगे.
लेकिन इस समिट में पुतिन नहीं होंगे. पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था और बताया था कि वो G-20 के लिए दिल्ली नहीं आ सकेंगे. पुतिन की जगह रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव इस समिट में हिस्सा लेंगे.
हालांकि, G-20 में पुतिन का नहीं आना बड़ी बात नहीं है. इससे पहले पुतिन साउथ अफ्रीका में हुई ब्रिक्स समिट के लिए जोहान्सबर्ग भी नहीं गए थे. इस समिट में पुतिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे. पुतिन पिछले साल इंडोनेशिया के बाली में हुई G-20 समिट में भी शामिल नहीं हुए थे.
क्या गिरफ्तारी का सता रहा है डर?
- दरअसल, इस साल 17 मार्च को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) ने पुतिन के खिलाफ 'अरेस्ट वारंट' जारी किया था. ये अरेस्ट वारंट 'वॉर क्राइम' के जुर्म में जारी किया गया था.
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने गुरुवार को युद्ध और मानवता के खिलाफ अपराधों को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया. आईसीसी ने नेतन्याहू और गैलेंट पर मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप लगाया, जिसमें हत्या, उत्पीड़न और अमानवीय कृत्यों की बात कही गई.