पंजाब में 'पावर कट' पर अमरिंदर के खिलाफ खुलकर सामने आए सिद्धू, दागे ताबड़तोड़ सवाल
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कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पावर कट के मसले को लेकर एक बार फिर खुलकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है. नवजोत सिंह सिद्धू ने लगातार कई ट्वीट करते हुए पंजाब में बिजली संकट पर सवाल खड़े किए और राज्य सरकार से ही सवाल पूछे.
उत्तर भारत में पड़ रही जबरदस्त गर्मी के बीच पंजाब में बिजली का संकट पैदा हो गया है. शुक्रवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने इसी के बहाने एक बार फिर खुलकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है. नवजोत सिंह सिद्धू ने लगातार कई ट्वीट करते हुए पंजाब में बिजली संकट पर सवाल खड़े किए और राज्य सरकार से ही सवाल पूछे. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने ट्वीट में लिखा कि पंजाब में पावर कट या एसी चलाने के लिए टाइमिंग फिक्स करने की कोई जरूरत नहीं है. अगर सही तरीके से काम किया जाए तो. पंजाब इस वक्त 4.54 प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीद रहा है, जो नेशनल औसत और चंडीगढ़ के औसत से काफी ज्यादा है. 8. Punjab already gives 9000 Crore Power Subsidy but Delhi gives only 1699 Crore as Power Subsidy. If Punjab copies Delhi Model, we will get merely 1600-2000 Crore as Subsidy. To better serve the People of Punjab - Punjab needs an Orignal Punjab Model, Not a copied Model !!सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
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हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.