नोएडा में मॉल जैसे बनेंगे मेट्रो स्टेशन, हेलीपोर्ट से उत्तराखंड, हिमाचल से जुड़ेगा शहर
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नोएडा में बनाया जा रहा हेलीपोर्ट उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा के पर्यटन स्थलों और तीर्थयात्रा स्थल को जोड़ेगा. साथ ही, इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अलावा नोएडा एयरपोर्ट से भी जुड़ेगा.
नोएडा प्राधिकरण की शुक्रवार को आयोजित 202वीं बोर्ड बैठक में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 4505 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव रखा गया. इसमें गांवों के लिए 125.5 करोड़ और विकास एवं निर्माण कार्यों पर 1596.75 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं. पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5287 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था. बोर्ड बैठक में औद्योगिक विकास आयुक्त व नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन संजीव कुमार मित्तल, नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी, यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह के अलावा ऑनलाइन माध्यम से अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण शामिल हुए. सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के बोर्ड रूम में प्राधिकरण के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
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हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.