नियुक्तियों में देरी पर कोर्ट ने कहा, अगर सरकार न्यायाधिकरण नहीं चाहती तो क़ानून समाप्त करें
The Wire
सुप्रीम कोर्ट ज़िला और राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष और इसके सदस्यों/कर्मचारियों की नियुक्ति में सरकारों की निष्क्रियता और पूरे भारत में अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के मामले का स्वत: संज्ञान लेने के बाद इस पर सुनवाई कर रहा है.
पीठ ने कहा, ‘यदि सरकार न्यायाधिकरण नहीं चाहती है, तो वह कानून निरस्त कर दे. हम यह देखने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र का विस्तार कर रहे हैं कि रिक्तियों को भरा जाए. आमतौर पर हमें इस पर समय खर्च नहीं करना चाहिए और रिक्तियों को भरा जाना चाहिए. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि न्यायपालिका से यह मामला देखने को कहा गया है. यह बहुत अच्छी स्थिति नहीं है.’
जिला और राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष और इसके सदस्यों/कर्मचारियों की नियुक्ति में सरकारों की निष्क्रियता और पूरे भारत में अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के मामले का स्वत: संज्ञान लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई कर रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह आठ सप्ताह में रिक्त स्थानों पर भर्ती करे.
पीठ ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले से प्रभावित नहीं होनी चाहिए, जिसने कुछ उपभोक्ता संरक्षण नियमों को रद्द कर दिया था.