नए IT नियमों के तहत Koo और गूगल ने सौंपी अपनी रिपोर्ट, बताया कितनी शिकायतें आईं और क्या एक्शन लिया?
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नए आईटी नियमों के तहत कू और गूगल ने अपनी पहली रिपोर्ट सौंप दी है. ट्विटर और भारत सरकार के बीच इसी मसले पर लंबे वक्त से विवाद चल रहा है, नए नियम मई महीने में ही लागू हो चुके हैं.
नए आईटी नियमों के बीच केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच अभी तकरार चल रही है, इस सबके बीच अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इन नियमों के तहत काम करना शुरू कर दिया है. भारतीय प्लेटफॉर्म कू, गूगल ने अपनी पहली कंप्लायंस रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्दी ही फेसबुक भी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा. दरअसल, 26 मई से लागू हुए नए आईटी नियमों के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हर महीने एक रिपोर्ट जारी करनी है, जिसमें उन्हें बताना होगा कि उनके पास कितनी शिकायतें आईं और उन्होंने उसपर क्या एक्शन लिया. ये शिकायत कंटेंट, आपत्तिजनक पोस्ट, कॉपीराइट या अन्य किसी चीज़ को लेकर हो सकती है. कू की पहली रिपोर्ट में क्या आया? नए आईटी नियमों के तहत कू ने जून महीने की कंप्लायंस रिपोर्ट (Compliance Report) सौंप दी है, कंपनी का कहना है कि वह हर महीने की पहली तारीख को अपनी रिपोर्ट देगी, जो पब्लिक प्लेटफॉर्म पर भी मौजूद रहेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, जून में कू के पास कुल 5502 रिपोर्ट आईं. इनमें उसने 1253 पोस्ट को हटाया और बाकी पोस्ट के खिलाफ अन्य एक्शन लिया. इसके अलावा करीब 54,235 अकाउंट्स के खिलाफ शिकायत मिली जिसमें से करीब 2 हजार अकाउंट को हटाया गया और बाकी पर एक्शन लिया गया. इन एक्शन में वार्निंग देना, किसी फोटो को ब्लर करना या अन्य चीज़ें शामिल हैं. कू के फाउंडर ए. राधाकृष्णा का कहना है कि कू जैसे-जैसे बड़ा हो रहा है, हमारी कोशिश है कि हम उसके हिसाब से कानून का पालन करें और ये रिपोर्ट उसी ओर एक कदम है. हमारी कोशिश सोशल मीडिया को एक सेफ प्लेस बनाने की है. गूगल ने भी दी अपनी रिपोर्ट सर्च इंजन गूगल ने भी अप्रैल की कंप्लायंस रिपोर्ट दे दी है. गूगल के पास करीब 96 फीसदी शिकायतें कॉपीराइट को लेकर आई थीं. गूगल के पास 1 से 30 अप्रैल के बीच 27 हजार से ज्यादा शिकायतें आई थीं. गूगल के अलावा फेसबुक भी अपनी रिपोर्ट सबमिट करेगा. फेसबुक द्वारा 2 जुलाई को अंतरिम रिपोर्ट और 15 जुलाई को फुल रिपोर्ट सौंपी जाएगी. फेसबुक की रिपोर्ट में व्हाट्सएप से जुड़ा डाटा भी होगा. गौरतलब है कि भारत सरकार के नए आईटी नियमों को अधिकतर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने मान लिया है, हालांकि ट्विटर की ओर से अभी आपत्ति जताई जा रही है. यही कारण है कि ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच कई मोर्चों पर जंग चल रही है.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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