धार्मिक नफ़रत को बढ़ाने देने के आरोपों से घिरे फेसबुक ने कंपनी का नाम ‘मेटा’ किया
The Wire
यह घोषणा ऐसे समय पर आई है जब ‘फेसबुक पेपर्स’ के तहत विभिन्न खुलासे के बाद इसे दुनिया के कई हिस्सों में विधायी और नियामक जांच का सामना करना पड़ रहा है. इन खुलासों में यह भी पता चला है कि फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान वॉट्सऐप पर ‘हिंसा के लिए उकसाने और अफ़वाहों’ भरे मैसेजेस की बाढ़ आई गई थी और फेसबुक को स्पष्ट रूप से ये जानकारी थी.
हालांकि आलोचकों का कहना है कि यह फेसबुक पेपर्स से दस्तावेज लीक होने से उत्पन्न विवाद से ध्यान भटकाने का एक प्रयास हो सकता है.
फेसबुक इंक की ओर से गुरुवार को कहा गया कि वह ‘मेटा’ के रूप में ख़ुद को रीब्रांड करेगा. नाम में बदलाव का यह घटनाक्रम ऐसे समय आया है कि जब कंपनी अपनी बाजार की शक्ति, उसके एल्गोरिथम निर्णयों और अपने प्लेटफार्मों पर नफरत को बढ़ावा देने की आरोपों को लेकर सांसदों और नियामकों की आलोचनाओं से जूझ रहा है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इस टेक दिग्गज की ओर से कहा गया कि यह बदलाव एक नए ब्रांड के तहत उसके विभिन्न ऐप और तकनीकों को एक साथ लाएगा. साथ ही कहा गया कि वह अपने कॉरपोरेट ढांचे को नहीं बदलेगा.
सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कंपनी के लाइव-स्ट्रीम वर्चुअल सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि नया नाम मेटावर्स के निर्माण पर अपना ध्यान केंद्रित करता है.