धर्म संसद: दो आयोजन, एक जैसे गंभीर आरोप, दो राज्यों में कार्रवाई में अंतर क्यों?
BBC
उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में मुसलमानों के नरसंहार के आह्वान पर देश और दुनिया में चिंता जताई गई, कार्रवाई हुई, लेकिन रायपुर की धर्म संसद सिर्फ़ गांधी के अपमान का मामला बनकर क्यों रह गई.
पिछले साल दिसंबर 2021 में आयोजित दो धर्म संसदों में देश के कुछ हिंदू संतों ने मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान किया था. इनमें से एक धर्म संसद भाजपा शासित उत्तराखंड के हरिद्वार में, तो दूसरा कांग्रेस की सरकार वाले छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित किया गया था.
जहाँ हरिद्वार की धर्म संसद की पूरे विश्व में आलोचना की गई, उसके आयोजकों और वक्ताओं पर क़ानूनी कार्रवाई की गई, वहीं छत्तीसगढ़ में आयोजित धर्म संसद में महात्मा गांधी के ख़िलाफ़ अपशब्दों का प्रयोग करने वाले एक संत की गिरफ़्तारी के अलावा कुछ और नहीं हुआ, न ही इस आयोजन पर वैसी चर्चा हुई जैसी हरिद्वार के मामले में हुई थी.
रायपुर की धर्म संसद में मुस्लिम महिलाओं के साथ यौन हिंसा समेत मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ हिंसा का आह्वान, हरिद्वार जैसा ही था.
रायपुर की धर्म संसद में स्वामी कालीचरण ने महात्मा गांधी के बारे में अपमानजनक बातें कहीं और धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति नफ़रत पैदा करने वाले शब्द दुहराए.
26 दिसंबर को जब उनके 'हेट स्पीच' का वीडियो वायरल हो गया तो छत्तीसगढ़ पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार किया. उन पर राजद्रोह समेत आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.