दो महिला पत्रकारों ने दी राजद्रोह कानून को चुनौती, सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
NDTV India
दो महिला पत्रकारों ने राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है और कहा है कि औपनिवेशिक समय के दंडात्मक प्रावधान का इस्तेमाल पत्रकारों को डराने, चुप कराने और दंडित करने के लिए किया जा रहा है. ‘द शिलॉन्ग टाइम्स’ की संपादक पेट्रीसिया मुखिम और ‘कश्मीर टाइम्स’ की मालिक अनुराधा भसीन ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए (राजद्रोह) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता के अधिकार को ‘‘परेशान करने के साथ ही बाधित करना’’ जारी रखेगी.
दो महिला पत्रकारों ने राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है और कहा है कि औपनिवेशिक समय के दंडात्मक प्रावधान का इस्तेमाल पत्रकारों को डराने, चुप कराने और दंडित करने के लिए किया जा रहा है. ‘द शिलॉन्ग टाइम्स' की संपादक पेट्रीसिया मुखिम और ‘कश्मीर टाइम्स' की मालिक अनुराधा भसीन ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए (राजद्रोह) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता के अधिकार को ‘‘परेशान करने के साथ ही बाधित करना'' जारी रखेगी.More Related News