दुल्हन बनीं Patralekhaa ने हाथों में नहीं लगाई मेहंदी, इस बंगाली ट्रेडिशन को किया फॉलो
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लाल जोड़े में सजीं राजकुमार राव की दुल्हनिया पत्रलेखा अपनी शादी में किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही हैं. उनके ब्राइडल लुक को काफी पसंद किया जा रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पत्रलेखा ने अपनी शादी में मेहंदी नहीं लगाई और इसके पीछे एक खास वजह है.
राजकुमार राव और पत्रलेखा 15 नवंबर को हमेशा के लिए एक दूसरे के हो गए हैं. कपल ने चंडीगढ़ के द ओबेरॉय सुखविलास स्पा रिजॉर्ट में ग्रैंड वेडिंग की. राजकुमार और पत्रलेखा की शादी की तस्वीरें इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रही हैं. लाल जोड़े में सजीं राजकुमार राव की दुल्हनिया पत्रलेखा अपनी शादी में किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही हैं. उनके ब्राइडल लुक को काफी पसंद किया जा रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पत्रलेखा ने अपनी शादी में मेहंदी नहीं लगाई और इसके पीछे एक खास वजह है.
पत्रलेखा ने क्यों नहीं लगाई मेहंदी? पत्रलेखा और राजकुमार राव की शादी पूरे रीति-रिवाजों के साथ हुई है. शादी में मेहंदी लगाना यूं तो बेहद आम है. लेकिन मान्यताओं के अनुसार, शादी में हाथों या पैरों पर मेहंदी लगाना कभी भी हिंदू संस्कृति का हिस्सा नहीं रहा. कहा जाता है कि मेहंदी लगाने की प्रथा मुगलों ने ही शुरू की थी, जिसके बाद हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाना सामाज में आम हो गया.