दिल्ली: 58 का दूल्हा और 46 की दुल्हन, पड़ोसियों ने किया कन्यादान, ऐसे हुई शादी
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डॉक्टर की पहली शादी से तीन बच्चे हैं जो बालिग हैं और पटना में रहते हैं. अपनी पहली पत्नी की मौत के बाद उन्होंने दो अन्य शादियां भी की, लेकिन वे पत्नियां भी उन्हें छोड़कर चली गई और अंत में बच्चों ने भी उन्हें ठुकरा दिया. वही शबनम की 13 साल पहले शादी हुई थी और पहले पति से उसके दो बच्चे हैं.
आउटर दिल्ली के रनहोला विकास नगर इलाके में 58 साल के डॉक्टर और 46 साल की एक महिला की शादी सुर्खियों में है. इन दोनों की शादी में परिवार वाले नहीं बल्कि आस-पड़ोस के लोग बाराती बनकर पहुंचे और कॉलोनी के ही मंदिर में बड़े धूमधाम के साथ शादी हुई. इस शादी में पड़ोसियों ने ही कन्यादान किया.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
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हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.