दिल्ली: लॉकडाउन कोरोना का समाधान नहीं, कारोबारी संगठन ने दिए ये अहम सुझाव
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कारोबारी संगठनों की ओर से शुक्रवार को एक बैठक बुलाई गई थी. सभी लोगों ने इस बात पर सहमति जताई है कि लॉकडाउन कोरोना का समाधान नहीं है. इसलिए बेहतर होगा कि काम करने के समय को कम किया जाए.
दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और सरकार की पाबंदियों को ध्यान में रखते हुए बाजारों के कारोबारी संगठनों की ओर से शुक्रवार को एक बैठक बुलाई गई थी. सभी लोगों ने इस बात पर सहमति जताई है कि लॉकडाउन कोरोना का समाधान नहीं है. इसलिए बेहतर होगा कि काम करने के समय को कम किया जाए. क्योंकि संपूर्ण लॉकडाउन से ना केवल सरकार के रेवेन्यू को धक्का पहुंचेगा, बल्कि वर्कर्स के जीवन को भी प्रभावित करेगा. इसके अलावा देश में असुरक्षा की भावना भी पैदा होगी और चेन ब्रेक करने को लेकर इम्पैक्ट भी असरदार नहीं रहेगा. कनॉट प्लेस के कारोबारी संगठन नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन (एनडीटीए) के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि सरकारी ऑफिस में भी इसी फॉर्मूले पर आगे बढ़ा जा रहा है. इसके अलावा DDMA के नोटिफिकेशन में भी यही सुझाव दिया गया है कि सभी लीगल मार्केट के काम करने की अवधि कम की जा सकती है. उन्होंने कहा कि हमलोगों का सुझाव है कि नाइट कर्फ्यू, वीकेंड कर्फ्यू या लॉकडाउन के भरोसे ही नहीं रहना चाहिए. बल्कि दिन के समय भी कोविड प्रोटोकॉल लागू किए जाने को लेकर और ज्यादा सख्ती दिखाए जाने की जरूरत है.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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