तालिबान की वापसी के बाद पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान सरहद का क्या हाल है?
BBC
पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच सबसे व्यस्त रहने वाले तोरख़म बॉर्डर पर अब शरणार्थियों की पहले जैसी भीड़ नहीं है. क्या है इसकी वजह?
पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच सबसे व्यस्त सीमा मार्ग तोरख़म पर अफ़ग़ानिस्तान के हरे और लाल झंडों की जगह, अब इस्लामिक अमीरात का सफ़ेद झंडा लहरा रहा था और अफ़ग़ानिस्तान की सीमा सुरक्षा बल की जगह अब क़मीज़ सलवार पहने, सिर पर सफ़ेद रूमाल बांधे और हाथ में बंदूकें उठाये तालिबान लड़ाके खड़े थे. उनके पास तीन सफ़ेद डबल-केबिन गाड़ियां आ कर रुकीं, जिसमें से दूसरे सशस्त्र तालिबान उतरे और उन्होंने पहले से खड़े लड़ाकों की जगह ले ली. इसके बाद वहां पहले से पहरा दे रहे तालिबान, उन्हीं गाड़ियों में बैठ कर वहां से चले गए. शायद ये सुबह दस बजे सीमा पर तैनात तालिबान की शिफ़्ट बदलने का समय था. तालिबान के गार्ड्स ने अपनी पोज़िशन संभालने के बाद, अफ़ग़ानिस्तान में माल से भरे खड़े ट्रकों को पाकिस्तान में प्रवेश करने की अनुमति दी, जिसके बाद वाणिज्यिक ट्रकों के आने का सिलसिला शुरू हो गया. लेकिन सीमा के इस पार मौजूद सशस्त्र तालिबान लड़ाकों से न कोई बात करता, न कोई सवाल और न कोई अनुरोध करता दिखाई दिया. सीमा पर सामान्य से कम लोग मौजूद थे, और वो भी तालिबान से कुछ दूरी बनाते हुए दिखाई दिए. सरहद पर कुछ तालिबान लड़ाके ऐसे भी थे, जिन्होंने अपने चेहरे को अपने सिर पर बंधे कपड़े से पूरी तरह ढका हुआ था, केवल उनकी आंखें दिखाई दे रही थीं.More Related News