तात्या टोपे की मौत कहां और कैसे हुई थी?
BBC
माना जाता है कि अंग्रेज़ों ने तात्या टोपे को ग्वालियर के पास सिपरी गांव में 18 अप्रैल, 1959 को उन्हें फांसी दी थी.
ये बात साल साल 1863 की है. तत्कालीन मेजर जेनरल जीएसपी लॉरेंस ने भारत सरकार के सचिव को लिखा था, "हमारे चालीस हज़ार सैनिक पूरी तरह से असली तात्या टोपे और उनके पांच हज़ार सैनिकों को गिरफ़्तार करने के लिए तैयार हैं." तात्या टोपे के साथ युद्ध और उनकी मौत के क़रीब चार साल बाद भी ब्रितानियों को भरोसा नहीं था कि तात्या टोपे की मौत हो चुकी है. तात्या टोपे की मौत को लेकर ऐसी किवदंतियां उस जमाने रहीं होंगी क्योंकि कुछ लोग ये मानते थे कि तात्या टोपे को मारा नहीं जा सकता था. आज इसकी पुष्टि भले संभव नहीं हो लेकिन अंग्रेज मेजर जनरल के ख़त से यह तो ज़ाहिर हो ही रहा है कि तात्या टोपे ब्रितानी साम्राज्य के लिए परेशानी का सबब बन गए थे.More Related News