डिंपल यादव को टिकट का ऐलान होते ही मैनपुरी में अखिलेश को लगा बड़ा झटका, पार्टी नेता और बड़े उद्योगपति मनोज यादव ने छोड़ी पार्टी
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मैनपुरी में सपा को बड़ा झटका लगा है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी नेता मनोज यादव ने पार्टी से किनारा कर लिया है. उन्होंने मंगलवार को सपा छोड़ने का ऐलान किया है. मनोज का कहना है कि सपा में स्थानीय नेता आपस में गुटबाजी कर रहे हैं. चाटुकारिता की जा रही है और एक-दूसरे की टांग खींचने में लगे हैं.
आम चुनाव की तैयारियों के बीच समाजवादी पार्टी ने यूपी में 16 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी सीट से टिकट दिया है. हालांकि, पार्टी को इस ऐलान के कुछ देर बाद ही बड़ा झटका लगा है. मैनपुरी में सपा नेता और उद्योगपति मनोज यादव ने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी है. मनोज को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का करीबी माना जाता था.
मनोज यादव आरसीएल ग्रुप के चेयरमैन हैं. उन्होंने सपा में पारिवारिक कलह अधिक होने के साथ ही स्थानीय स्तर पर नेताओं द्वारा चाटुकारिता और एक-दूसरे की टांग खींचने का आरोप लगाया है. मैनपुरी नगर के स्टेशन रोड निवासी मनोज यादव दो दशक से सपा से जुड़े रहे हैं. वे मूलरूप से करहल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नगला राजा के रहने वाले हैं.
'स्थानीय नेताओं पर लगाए आरोप'
मनोज यादव पहले लोक निर्माण विभाग में कार्यरत थे. फिर वे अखिलेश यादव के करीब आ गए और सपा में शामिल हो गए. 2016 में सपा के टिकट पर घिरोर के ब्लॉक प्रमुख भी रह चुके हैं. उसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली थी. वे पर्दे के पीछे से ही सपा की मदद कर रहे थे. उन्हें अखिलेश यादव का बेहद करीबी माना जाता है. इसके साथ ही पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव से भी उनकी काफी नजदीकियां रही हैं.
'आम जनता के लिए काम नहीं कर रही सपा'
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए लोकसभा उप चुनाव में डिंपल यादव को जिताने में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी. लेकिन अब उन्होंने सपा से इस्तीफा दे दिया है. मनोज यादव ने कहा, सपा अब जनता के लिए काम नहीं कर पा रही है. बीजेपी सरकार में बिना किसी पक्षपात के काम किया जा रहा है. उनकी कंपनी के पास भी करोड़ों रुपए के काम हैं. जबकि सपा सरकार में उनको काम मिलने बहुत दिक्कत होती थी. खासकर शिवपाल यादव से.
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