टाइटैनिक डूबने के 110 साल के बाद भी कायम हैं ये चार रहस्य
BBC
हादसे से पहले जहाज की रफ़्तार कम क्यों नहीं की गई और लाइफ़ बोट कम क्यों रखे गए, ऐसे तमाम सवालों के जवाब जानिए इस लेख में.
ठीक 110 साल पहले टाइटैनिक एक अंधेरी रात के वक्त एक आइसबर्ग (हिमखंड) से टकरा गया था. उस वक्त अधिकांश यात्री नींद के आगोश में थे.
हादसे के वक्त टाइटैनिक 41 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से इंग्लैंड के साउथम्पैटन से अमेरिका के न्यूयार्क की ओर बढ़ रहा था और महज तीन घंटे के अंदर 14 और 15 अप्रैल, 1912 की दरमियानी रात में टाइटैनिक अटलांटिक महासागर में समा गया.
जिस जहाज के कभी नहीं डूबने की चर्चा थी, वह डूब गया. हादसे में 1500 के करीब लोग भी मारे गए. इसे 110 साल बीतने के बाद भी सबसे बड़ा समुद्री हादसा माना जाता है.
हादसे की जगह से अवशेषों को सितंबर, 1985 में हटाया गया था. हादसे के बाद, कनाडा से 650 किलोमीटर की दूरी पर 3,843 मीटर की गहराई में जहाज दो भागों में टूट गया था और दोनों हिस्से एक दूसरे से 800 मीटर दूर हो गए थे.
इस हादसे के 110 साल बाद भी आज भी इस हादसे को लेकर रहस्य बना हुआ है, बीबीसी न्यूज़ ब्राज़ील ने कुछ विशेषज्ञों से बात करके इन्हीं रहस्यों के जवाब तलाशने की कोशिश की है.