जल्द खोले जा सकते हैं स्कूल? ICMR ने दिया सुझाव, पेड़ों के नीचे लगाएं क्लास
Zee News
आईसीएमआर की रिपोर्ट में स्कूल खोलने पर जोर दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक पहले प्राइमरी और फिर सेकेंडरी स्कूलों को खोला जाना चाहिए. छोटे बच्चों में कोरोना का खतरा बड़ों के मुकाबले कम देखा गया है.
नई दिल्ली: कोरोना (Corona) की दस्तक के बाद से दुनियाभर में हर 7 में से 1 बच्चे ने तकरीबन 75 प्रतिशत पढ़ाई बिना किसी टीचर से मिले ही की है. जिसकी वजह से उसके सामाजिक, शारीरिक और मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ा है. यूनेस्को की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कोरोना काल में 500 दिन से ज्यादा समय तक स्कूल बंद रहने से 32 करोड़ बच्चों पर असर पड़ा है. अगस्त 2021 में किए गए सर्वे को Indian Journal of Medical Research में छापा गया है. अब आईसीएमआर ने पुरानी पद्धति पर यानी खुले में या पेड़ के नीचे क्लास लगाने के साथ स्कूल खोले जाने की सलाह दी है.
भारत के 15 राज्यों में 1362 घरों पर किए गए एक सर्वे में सामने आया है कि गांवों में रहने वाले 8 प्रतिशत और शहरों में रहने वाले केवल 24 प्रतिशत बच्चे ही रेगुलर पढ़ाई कर रहे हैं. ये सर्वे कमजोर तबके के बच्चों पर किया गया. आधे बच्चे कुछ शब्दों से ज्यादा नहीं पढ़ पा रहे. 75 प्रतिशत माता पिता ने भी माना कि उनके बच्चों की पढ़ने की क्षमता पर बुरा असर पड़ा है. यहां तक कि सर्वे में शामिल टीचर्स के मुताबिक बच्चों की इस जेनरेशन पर पर्सनल कम्युनिकेशन की काबिलियत के मामले में परमानेंट नुकसान हुआ है.