चीन के एक अधिकारी का दावा, हमारे वैक्सीन ज़्यादा असरदार नहीं
BBC
चीन के शीर्ष रोग नियंत्रण अधिकारी गाओ फ़ू हालांकि बाद में अपने बयान से पलट गए
चीन के शीर्ष रोग नियंत्रण अधिकारी गाओ फ़ू ने स्वीकार किया है कि वहां विकसित टीके प्रभाव में कमज़ोर हैं. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शनिवार को उन्होंने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए चीन कई टीकों को मिलाकर इसे लोगों को लगाने पर विचार कर रहा है. हालांकि बाद में गाओ ने कहा कि उनके बयान को ग़लत तरीक़े से समझा गया है. मालूम हो कि चीन ने सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए चार और इमरजेंसी उपयोग के लिए एक टीके का विकास किया है. हालांकि विदेश में हुए कुछ परीक्षणों में पाया गया कि ये टीके 50 फ़ीसद से भी कम प्रभावी हैं. आंकड़ों के अनुसार, प्रभाव के लिहाज़ से फ़ाइजर और मॉडर्ना के टीके चीनी टीकों से बहुत बेहतर हैं. हालांकि चीनी टीकों का एक महत्वपूर्ण फ़ायदा यह है कि इसे सामान्य फ्रिज में भी दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर रखा जा सकता है. वहीं फ़ाइजर के टीकों के रखरखाव के लिए -70 डिग्री सेल्सियस और मॉडर्ना के लिए -20 डिग्री सेल्सियस तापमान की ज़रूरत होती है. चीन में अब तक 10 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने इन टीकों की कम से कम एक ख़ुराक ले ली है. वहीं इन टीकों को वह इंडोनेशिया, तुर्की, पराग्वे, ब्राजील जैसे कई देशों को भेज चुका है और कई देशों में इसे भेजने की तैयारी कर रहा है. चीन का दावा है कि इस साल के अंत तक वह इन टीकों की 300 करोड़ ख़ुराक तैयार कर लेगा.More Related News