चार महीने बाद महाराष्ट्र में कोरोना के नए मरीज 9 हजार के करीब, दिल्ली में भी बढ़ता दिख रहा संकट
AajTak
देश के कई राज्यों में बीते कुछ दिनों से कोरोना के आंकड़े फिर से बढ़ने शुरू हो गए हैं. महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की रफ्तार विस्फोटक होती जा रही है. महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में 8,807 नए मरीज मिले हैं. यह 18 अक्टूबर के बाद सबसे ज्यादा आंकड़ा है. राज्य में बीते 24 घंटे में 80 मरीजों की मौत हुई. यह बीते 56 दिन में सबसे ज्यादा है.
देश के कई राज्यों में बीते कुछ दिनों से कोरोना के आंकड़े फिर से बढ़ने शुरू हो गए हैं. महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की रफ्तार विस्फोटक होती जा रही है. महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में 8,807 नए मरीज मिले हैं. यह 18 अक्टूबर के बाद सबसे ज्यादा आंकड़ा है. यही नहीं, राज्य में बीते 24 घंटे में 80 मरीजों की मौत हुई. यह बीते 56 दिन में सबसे ज्यादा है. इससे पहले 30 दिसंबर को 90 संक्रमितों ने दम तोड़ा था. वहीं, राजधानी दिल्ली में भी संकट गहराता जा रहा है. दिल्ली में बुधवार को 200 और लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया जबकि दो और संक्रमितों ने दम तोड़ दिया. बढ़ रही कोरोना की रफ्तार को देखते हुए दिल्ली में 5 राज्यों से आने के वालों के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.