गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन का एफसीआरए लाइसेंस रद्द किया
The Wire
राजीव गांधी फाउंडेशन के अलावा राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का एफसीआरए लाइसेंस भी गृह मंत्रालय ने रद्द कर दिया है. साल 2020 में भाजपा ने आरोप लगाया था कि फाउंडेशन को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के दूतावास से धन प्राप्त हुआ था. इसके बाद गृह मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था.
यह कार्रवाई एक अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा की गई जांच के बाद हुई, जिसका गठन साल 2020 में गृह मंत्रालय द्वारा किया गया था, जब भाजपा ने आरोप लगाया था कि फाउंडेशन को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के दूतावास से धन प्राप्त हुआ था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने आरजीएफ और आरजीसीटी के वित्त पोषण की जांच शुरू कर दी थी और मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए), विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) और आयकर के संदिग्ध उल्लंघन के संबंध में इन संगठनों द्वारा प्राप्त धन की जांच की थी.
गृह मंत्रालय ने साल 2020 में अपने एक बयान में कहा था, ‘उसने राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा पीएमएलए, आयकर अधिनियम, एफसीआरए आदि के विभिन्न कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन की जांच के समन्वय के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया है. ईडी के एक विशेष निदेशक समिति के प्रमुख होंगे.’
यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों संगठनों की अध्यक्ष पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं और अन्य न्यासियों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, भूतपूर्व योजना आयोग के पूर्व उपप्रमुख मोंटेक सिंह आहलुवालिया, सुमन दुबे, अशोक गांगुली और संजीव गोयनका शामिल हैं.