गुर्जर आरक्षण आंदोलन के अगुवा कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का निधन
The Wire
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला राजस्थान में गुर्जर आरक्षण को लेकर चले आंदोलन के अगुवा और प्रमुख चेहरा रहे थे. उन्होंने गुर्जर समुदाय को अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत करने के लिए यह आंदोलन चलाया था. साल 2007 व 2008 में चले इस आंदोलन में 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.
जयपुर: गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के नेता रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का बृहस्पतिवार को यहां निधन हो गया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैंसला के निधन पर शोक जताते हुए कहा है कि देश सेवा व गुर्जर समाज के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा. सामाजिक आंदोलन के प्रखर नेतृत्वकर्ता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूँ। सामाजिक अधिकारों के लिए उन्होंने आजीवन संघर्ष किया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें परिजनों व प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।ॐ शांति! कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला जी के निधन का समाचार बेहद दुखद है। गुर्जर आरक्षण आंदोलन के मुखिया के रूप में बैंसला साहब ने MBC वर्ग के आरक्षण के लिए लंबा संघर्ष किया। MBC वर्ग को आज आरक्षण मिल पाया तो अगर किसी एक व्यक्ति को श्रेय जाता है तो वह कर्नल बैसला ही हैं। गुर्जर नेता, कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला जी के निधन का समाचार सुन अत्यंत दु:ख हुआ। उन्होंने आजीवन समाज की भावनाओं को आवाज दी। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान देने व परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना करती हूं।#ColBainsla pic.twitter.com/cGexG5RSR7
बैंसला लंबे समय से बीमार चल रहे थे. वह 85 वर्ष के थे. — Om Birla (@ombirlakota) March 31, 2022 — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 31, 2022 — Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) March 31, 2022
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार तड़के तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें राजधानी जयपुर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बैंसला के बेटे विजय सिंह ने कहा, ‘उन्होंने हमसे लगभग 5.30 बजे पानी मांगा और सो गए. उसके बाद वे नहीं उठे. हमने कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) की कोशिश की इसके बाद उन्हें अस्पताल लेकर गए जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.’