गुजरात: अदालत ने तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व डीजीपी श्रीकुमार को दो जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजा
The Wire
अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, गुजरात के दो आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट के ख़िलाफ़ बीते 25 जून को एक एफ़आईआर दर्ज की थी. इन तीनों पर गुजरात दंगों की जांच करने वाली एसआईटी को गुमराह करने की साज़िश रचने का आरोप है, जो गुजरात दंगे और नरेंद्र मोदी की बतौर मुख्यमंत्री इसमें अगर कोई भूमिका थी, की जांच कर रही थीं.
लोक अभियोजक मितेश अमीन ने कहा कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसपी पटेल की अदालत ने सीतलवाड़ और श्रीकुमार को दो जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. उन्होंने बताया कि दोनों को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच द्वारा शनिवार (25 जून) को दर्ज की गई एक एफआईआर के संबंध में गिरफ्तार किया गया था. अंत में हमें यह प्रतीत होता है कि गुजरात राज्य के असंतुष्ट अधिकारियों के साथ-साथ अन्य लोगों का एक संयुक्त प्रयास खुलासे करके सनसनी पैदा करना था, जो उनके अपने ज्ञान के लिए झूठे थे. वास्तव में, प्रक्रिया के इस तरह के दुरुपयोग में शामिल सभी लोगों को कटघरे में खड़ा होना चाहिए और कानून के अनुसार आगे बढ़ना चाहिए.
गुजरात पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) ने बीते 25 जून को सीतलवाड़ को मुंबई स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया था, जिसके बाद सीतलवाड़ ने पुलिस पर उनके साथ बदसलूकी करने और हाथ में चोट पहुंचाने का आरोप लगाया था.
सीतलवाड़ को फिर अहमदाबाद लाया गया और शनिवार को शहर की क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया. अदालत के निर्देश पर सीतलवाड़ को चिकित्सा जांच के लिए भी सिविल अस्पताल ले जाया गया था.
मितेश ने कहा, ‘अदालत ने मेडिकल प्रमाण-पत्र को अपने रिकॉर्ड में लिया है. हमने इस आधार पर 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया था कि दोनों आरोपियों ने हलफनामे जैसे गढ़े हुए सबूत पेश किए. यह जानने के लिए उनसे पूछताछ करने की आवश्यकता है कि उनके राजनीतिक आका कौन हैं, क्योंकि शीर्ष अदालत ने कहा है कि मामले का राजनीतिकरण किया गया था.’