गरीबों का किराया देने पर दिल्ली सरकार का U-टर्न, कोर्ट में कहा- वादा नहीं किया
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दिल्ली सरकार के वकील की ओर से कहा गया, ‘मेरे हिसाब से तो यह कोई वादा ही नहीं था, हमने सिर्फ इतना कहा कि कृपया प्रधानमंत्री के बयान का पालन करें. हमने मकान मालिकों से कहा कि किराएदारों को किराया देने के लिए मजबूर न करें.'
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने गरीबों के किराये के भुगतान को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऐलान पर अमल के लिए पॉलिसी बनाने के फैसले पर रोक लगा दी है. दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी सरकार इसे लेकर एक नीति बनाने जा रही थी. हाई कोर्ट की सिंगल बैंच ने 22 जुलाई को दिल्ली सरकार को यह निर्देश दिया था.
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने सिंगल जज के आदेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की अपील पर नोटिस जारी किया. बैंच ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 नवंबर की तारीख तय की है. सिंगल बैंच ने कहा था कि अगर स्थगन का आदेश पारित नहीं किया गया तो अपीलकर्ता को भारी नुकसान होगा. इस बैंच ने यह भी कहा था कि नागरिकों से किया गया मुख्यमंत्री का वादा लागू करने योग्य है.