गंगाजल से कोरोना का इलाजः HC की नोटिस के बाद, BHU के डॉक्टर उत्साहित, कहा- डेल्टा प्लस पर भी कारगर
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न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर वीएन मिश्रा ने बताया कि फेज वायरस का इस्तेमाल पहले से होता आया है. जॉर्जिया में फेस इंस्टीट्यूट है और वहां लोग दवा कम और फेज का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं. फेज वायरस एक स्टेबलिश थेरेपी है और गंगा में हाई क्वालिटी के फेज मिलते हैं.
गंगाजल से कोरोना के इलाज को लेकर उम्मीद जगी है. इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल याचिका पर कोर्ट ने ICMR और एथिकल कमेटी से 6 हफ्ते में जवाब मांगा है. कोर्ट की ओर से नोटिस जारी किए जाने के बाद इस पर शोध करने वाले BHU के डॉक्टर बेहद उत्साहित हैं और उनका दावा है कि यह डेल्टा प्लस पर भी कारगर है.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.