'खजूर तैयार है, गोदाम में रखा है, पैगाम मिलते ही डिलीवर होगा', कुछ यूं हुआ आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़
Zee News
भारतीय खुफिया तंत्र को 10 सितंबर को लीड मिली कि कुछ आतंकी देश के अलग-अलग शहरों, सार्वजनिक स्थानों पर बड़े बम धमाके करने की फिराक में हैं. इंटेलिजेंस एजेंसियों ने जो फोन नंबर ट्रेस किए उनके जरिए अबू बकर, ओसामा, जान मोहम्मद और आमिर आपस में बातचीत करते थे.
लखनऊ: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और उत्तर प्रदेश एंटी टेररिज्म स्क्वाड ने जॉइंट ऑपरेशन में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ द्वारा वित्तपोषित जिस टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है उससे जुड़ी एक नई जानकारी निकलकर सामने आई है. आइएसआइ और अंडरवर्ल्ड से जुड़े इस टेरर मॉड्यूल के सदस्यों तक पहुंचने के लिए इंटेलिजेंस एजेंसियां को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी. चार फोन नंबरों को इंटेलिजेंस एजेंसियों ने ट्रेस किया तो पता चला कि इनके जरिए बातचीत करने वालों ने दुआ सलाम के बाद सिर्फ तीन लाइन की ही बात की, 'खजूर तैयार है..., गोदाम में रखा है..., पैगाम मिलते ही डिलीवरी होगी...'
इंटेलिजेंस एजेंसियों को बातचीत सुनने के बाद हुआ शक भारतीय खुफिया तंत्र को 10 सितंबर को लीड मिली कि कुछ आतंकी देश के अलग-अलग शहरों, सार्वजनिक स्थानों पर बड़े बम धमाके करने की फिराक में हैं. इंटेलिजेंस एजेंसियों ने जो फोन नंबर ट्रेस किए उनके जरिए अबू बकर, ओसामा, जान मोहम्मद और आमिर आपस में बातचीत करते थे. इन लोगों ने 13 सितंबर को मूलचंद्र उर्फ लाला और इसी दिन प्रयागराज के करेली में रहने वाले जीशान से जब बातचीत की तो यही बात दोहराई. इंटेलिजेंस ऑफिसर्स को शक हो गया कि 'खजूर तैयार है..., गोदाम में रखा है..., पैगाम मिलते ही डिलीवरी होगी...' जरूर कोड वर्ड है.