कोरोना के बढ़ते मामलों पर बोले मज़दूर 'लॉकडाउन दोबारा भीख मांगने पर मजबूर कर देगा'
BBC
मुंबई में कोरोना के कारण लगाई गई सख़्त पाबंदियों के बीच मज़दूरों के लिए एक तरफ़ कुआं तो दूसरी तरफ़ खाई वाली स्थिति बन गई है.
"क्या फिर से लॉकडाउन लगाया जाएगा?" पिछले हफ़्ते मुंबई में अपने छोटे से कमरे में बैठे सेठी बंधु जब मुझसे वीडियो कॉल पर बात कर रहे थे तो उनकी आवाज़ में बेचैनी साफ़ तौर पर महसूस हो रही थी. ख़राब इंटरनेट कनेक्शन के बीच कांपती आवाज़ में वे यही सवाल बार-बार पूछ रहे थे. इस बात को एक दशक से ज़्यादा अरसा हो गया जब संतोष और टुन्ना सेठी ओडिशा में अपना घर-परिवार छोड़कर काम की तलाश में निकले थे. उन्हें अपने घर से 1600 किलोमीटर दूर मुंबई में जाकर ठिकाना मिला. शहर की गगनचुंबी इमारतों के साये तले संतोष और टुन्ना यहां अपना पसीना बहाते हैं. ये इमारतें बाहर से आए इनके जैसे मजदूरों ने ही दौलतमंद लोगों के लिए बनाई हैं. सिर पर सीमेंट, रेत, ईंट और पत्थर ढोने के बाद वे हर रोज़ आठ घंटे की दिहाड़ी में 450 रुपये कमाते हैं. निर्माणाधीन इमारतों में उनकी रातें गुजरती हैं, उनका रहना खाना-पीना वहीं होता है. अपनी बचत का बड़ा हिस्सा वे अपने घर भेज देते हैं.More Related News