कोरोना की दूसरी वेव में ज्यादा खर्च की थी जरूरत,केंद्र ने की कटौती
The Quint
Government expenditure| दूसरी लहर में सबसे ज्यादा नुकसान होने के बावजूद केंद्र सरकार का फिस्कल रिस्पॉन्स काफी सुस्त रहा है. Central Government cut Tax revenue of State govt revenue Expenditure and Capital Expenditure
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (CMIE) की दूसरी लहर में कोरोना से 1 करोड़ नौकरियां जाने की रिपोर्ट के बाद अब एक और रिपोर्ट सामने आई है. जिसमें बताया गया है कि भारत सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर में खर्च बढ़ाने की बजाय इसमें कटौती की है. दूसरी लहर में सबसे ज्यादा नुकसान होने के बावजूद केंद्र सरकार का फिस्कल रिस्पॉन्स काफी सुस्त रहा है.कोरोना के कहर के बाद स्टिमुलस पैकेज का भी नहीं हुआ ऐलानCMIE की रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र सरकार की तरफ से कोरोना की दूसरी लहर के लिए अब तक किसी भी तरह के फिस्कल स्टिमुलस यानी राजकोषीय प्रोत्साहन की भी घोषणा नहीं की गई है. इतना ही नहीं 2021-22 के लिए अपने बजट से उचित खर्च करने से भी परहेज किया है. जबकि अप्रैल 2021 में सरकार को काफी अच्छा टैक्स कलेक्शन मिला.सोर्स - CMIEरिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने अप्रैल 2021 में सिर्फ 2.27 ट्रिलियन खर्च किए. जो कि सरकार के 34.8 ट्रिलियन रुपये के सालाना बजट का महज 6.5 प्रतिशत ही है. जब देश के तमाम राज्यो में लॉकडाउन लगाया गया था, बिजनेस एक्टिविटी पूरी तरह से बंद थी और करोड़ों लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है, तब सरकार से उम्मीद थी कि वो बजट का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा खर्च करेगी. लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया. बल्कि सालाना बजट के लक्ष्य में अनुपात के आधार पर अप्रैल 2021 में जितना खर्च किया जाना था वो तक नहीं हुआ. अप्रैल में 2.9 ट्रिलियन रुपये खर्च का अनुमान था.अब अगर दूसरे वेव के लिए अप्रैल में खर्च किए जाने वाले बजट की तुलना पिछले साल अप्रैल के खर्च से की जाए तो काफी चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आता है. क्योंकि अप्रैल 2020 में 3.07 ट्रिलियन खर्च किए गए थे, यानी इस साल अप्रैल में खर्च हुआ बजट पिछले साल से 26.2 प्रतिशत कम है.हालांकि अगर पिछले कुछ सालों की तुलना में देखें तो अप्रैल महीने में होने वाले खर्चे को देखते हुए ये चिंताजनक नहीं है. क्योंकि साल 2017, 2018 और 2019 में 2.4 ट्रिलियन रुपये सरकार का औसत खर्च था. लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि तब महामारी जैसी कोई बात नहीं थी. वहीं 2021 में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने अपना सबसे खौफनाक कहर दिखाया. इसीलिए इस मुश्किल वक्त में सरकार के खर्चे में कटौती एक चिंता का विषय है.राजस्व व्यव में कमी, पूंजीगत व्यय बढ़ाCMIE की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2021 मे...More Related News