केजरीवाल का गिरफ्तारी का डंका पीटना और फिर वर्चुअल पेशी की रिक्वेस्ट डालना क्या कहलाता है?
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अरविंद केजरीवाल का मामला भी हेमंत सोरेन की तरह ही आगे बढ़ रहा है. वो ED के 10 समन के बाद पेशी के लिए तैयार हुए थे, अरविंद केजरीवाल 8 समन के बाद, लेकिन अरविंद केजरीवाल की दो शर्तें हैं - एक, वो वर्चुअल माध्यम से ही पेश होंगे - और दूसरा, 12 मार्च के बाद ही ऐसा संभव है.
अरविंद केजरीवाल और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ही अपने अपने तरीके से काम कर रहे हैं. 2023 के विधानसभा चुनावों के बाद अरविंद केजरीवाल अब लोक सभा चुनाव 2024 की तैयारी कर रहे हैं, और प्रवर्तन निदेशालय पेशी के लिए एक के बाद एक समन भेजे जा रहा है.
दिल्ली विधानसभा में बतौर वित्त मंत्री बजट तो आतिशी ने पेश किया, लेकिन अरविंद केजरीवाल की भी व्यस्तता तो रही ही. अरविंद केजरीवाल ने खुद ही ये वजह कोर्ट में पेश न हो पाने के लिए बताई भी थी. बजट की पॉलिटिकल लाइन तो अरविंद केजरीवाल ने ही तय किया है, राम राज्य के बजट के रूप में ही तो प्रचारित भी किया जा रहा है. अब तो दिल्ली में भी मध्य प्रदेश जैसी लाडली योजना की एंट्री हो चुकी है. आतिशी के बजट पेश करने के बाद अरविंद केजरीवाल बता रहे हैं कि महिलाओं के बड़ी संख्या में फोन आ रहे हैं. खूब आशीर्वाद मिल रहा है. महिलाएं पूछ रही हैं कि कैसे रजिस्ट्रेशन कराना है?
दिल्ली शराब पॉलिसी केस में तीन समन के बावजूद पेश न होने पर ED ने कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की तरफ से समन को जानबूझकर नजरअंदाज़ करने को लेकर अर्जी दायर की है. वैसे अब तक अरविंद केजरीवाल को ईडी की ओर से 8 समन भेजे जा चुके हैं - और अरविंद केजरीवाल के रुख में बस थोड़ा सा बदलाव देखा गया है.
झारखंड के मुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन तो ईडी के 10 समन के बाद पेशी के लिए तैयार हुए थे, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ये काम दो कदम पहले ही उठाया है. हेमंत सोरेन तो ईडी अधिकारियों के सामने साक्षात पेश हुए थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल का कहना है कि वो वर्चुअल माध्यम से ही पूछताछ के लिए उपलब्ध हो सकते हैं.
अरविंद केजरीवाल इससे पहले ईडी से जुड़े एक मामले में कोर्ट में भी वर्चुअल तरीके से पेश हो चुके हैं. ये तब की बात जब अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया था. कोर्ट को अरविंद केजरीवाल ने बताया था कि वो अदालत पहुंचने ही वाले थे कि विश्वास प्रस्ताव आ गया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने उनको 16 मार्च को साक्षात मौजूद रहने का आदेश दिया है.
अब ईडी के सामने भी अरविंद केजरीवाल वैसे ही पेश होना चाहते हैं, जैसे कोर्ट के सामने पेश हुए थे. जाहिर है, अरविंद केजरीवाल ने ये कदम भी अपने कानूनी सलाहकारों की राय के बाद ही उठाया होगा. क्योंकि ये सवाल तो उठता ही कि अगर कोर्ट के सामने वर्चुअल पेशी के लिए वो राजी हैं तो ईडी से क्या दिक्कत है, भला?
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