किसान आंदोलन का एक साल पूरा, क्या खोया-क्या पाया
BBC
अब से ठीक एक साल पहले जब दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की भीड़ जुटनी शुरू हुई थी तो सर्दियों का मौसम बस शुरू भर हुआ था. अधिकांश लोगों को ये उम्मीद नहीं थी कि किसान इतने लंबे समय तक अपने घर परिवार और खेतों को छोड़कर दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे.
अब से ठीक एक साल पहले जब दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की भीड़ जुटनी शुरू हुई थी तो सर्दियों का मौसम बस शुरू भर हुआ था. अधिकांश लोगों को ये उम्मीद नहीं थी कि किसान इतने लंबे समय तक अपने घर परिवार और खेतों को छोड़कर दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे.
लेकिन तमाम प्रदेशों से आए किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहकर भयानक सर्दी से लेकर गर्मी और भयंकर प्रदूषण का सामना किया.
यही नहीं, जब दुनिया भर में कोविड - 19 महामारी अपना कहर बरपा रही थी, सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक दूरी बरतने के नियम का पालन किया जा रहा था तब भी किसानों का हुजूम दिल्ली की सीमाओं पर डटा रहा.
जब-जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें महामारी से डर नहीं लगता तो उन्होंने कहा कि "हम इन क़ानूनों की वजह से वैसे भी मरने जा रहे हैं. ये ज़्यादा ख़तरनाक हैं."
इस दौरान दिल्ली की सीमाओं पर सैकड़ों किसान बिना मास्क लगाए कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते दिखे.