कालीन पर कैलीग्राफी: पारंपरिक कला को नया जीवन देने की कोशिश में कुछ कश्मीरी युवा
ABP News
कालीन बनाने के लिए इन युवाओं ने सिल्क और ऊन के साथ-साथ सोने और चांदी के तार का भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है
कश्मीर और हैंडीक्राफ्ट एक ही सिक्के के दो रूप माने जाते है. पूरी दुनिया में कश्मीर अपनी अलौकिक सुंदरता और हस्तकला के लिए मशहूर है. चाहे कश्मीर शॉल हो या पेपरमेशी से बना सामान. लेकिन इन सबसे मशहूर हस्तकला है कश्मीरी कालीन. अब कुछ युवा मिलकर इसी कालीन को नया स्वरूप देने में जुट गए है.
कश्मीर में कालीन बनाने का काम 14वीं शताब्दी से शुरू हुआ था. दक्षिण एशिया से आए कारीगर यह काम कश्मीर लेकर आए. ईरान और मध्य एशिया से आए यह लोग दो चीजें लाए इस्लाम और हस्तकला. दोनों ही चीजें कश्मीर में परवान चढ़ी. लेकिन पिछले 700 सालों में कश्मीर में कालीन बनाने के काम में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है और ना ही कालीन के डिजाइन में. अब शाहनवाज और शबीर नाम के दो युवा एक कालीन बनाने वाले और एक टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी की शिक्षा प्राप्त इस प्राचीन काम को नया आयाम देने में लगे हैं. दोनों नए कारोबार को दिशा दे रहे हैं.