कर्नाटक के CM बीएस येदियुरप्पा कोरोना पॉजिटिव, मणिपाल हॉस्पिटल में शिफ्ट
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. उन्हें सबसे पहले रमैया मेमोरियल हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था, जहां से अब मणिपाल हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. उन्हें सबसे पहले रमैया मेमोरियल हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था, जहां से अब मणिपाल हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया है. कोरोना रिपोर्ट आने से पहले सीएम येदियुरप्पा ने आज कोविड पर एक इमरजेंसी मीटिंग ली थी. यह मीटिंग उनके आवास पर हुई थी. ರಾಜ್ಯದಲ್ಲಿ ಹೆಚ್ಚುತ್ತಿರುವ ಕೋವಿಡ್ ಸಾಂಕ್ರಾಮಿಕ ನಿಯಂತ್ರಣ ಕುರಿತು ಇಂದು ಹಿರಿಯ ಅಧಿಕಾರಿಗಳೊಂದಿಗೆ ಸಭೆ ನಡೆಸಿ ಚರ್ಚಿಸಲಾಯಿತು. ಜನರ ಸುರಕ್ಷತೆ ಮತ್ತು ಜಾಗೃತಿಗಾಗಿ ತೆಗೆದುಕೊಳ್ಳಬೇಕಿರುವ ಕ್ರಮಗಳು, ಸೋಂಕಿತರಿಗೆ ಚಿಕಿತ್ಸೆ, ವೈದ್ಯಕೀಯ ಸೌಕರ್ಯ, ಲಸಿಕೆ ವಿತರಣೆ ಸೇರಿದಂತೆ ಎಲ್ಲ ಮಾಹಿತಿ ಪಡೆದು, ಅಧಿಕಾರಿಗಳಿಗೆ ಅಗತ್ಯಸೂಚನೆ ನೀಡಲಾಗಿದೆ pic.twitter.com/dvqMPmRBlT सीएम आवास पर हुई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अफसरों को कोरोना प्रसार रोकने पर रणनीति बनाने के लिए कहा. इसके साथ ही अधिकारियों से वैक्सीनेशन और टेस्ट को और तेज करने, अस्पतालों में बेड्स की व्यवस्था करने के साथ ही लोगों को जागरूक करने का आदेश दिया.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
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हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.