कंधे पर शव ले जाते पुलिसकर्मी की पुरानी फोटो गलत दावे से वायरल
The Quint
UP। यूपी के आगरा की फोटो बदायूं की बताकर की जा रही वायरल. यूपी पुलिस ने के जवान ने खुद की है इसकी पुष्टि कि ये फोटो पुरानी है। Photo from Agra shared as Budaun goes viral. UP Police has confirmed itself that the photo is old
सोशल मीडिया पर एक पुरानी फोटो वायरल हो रही है जिसमें एक पुलिस वाले ने अपने कंधों पर शव को उठा रखा है. तस्वीर को यूपी के बदायूं का बताया जा रहा है. इसे शेयर कर यूपी सरकार पर कटाक्ष करते हुए सवाल पूछा जा रहा है कि कोई एंबुलेंस या शववाहन क्यों नहीं उपलब्ध है.ये फोटो ऐसे समय में वायरल हो रही है जब कोविड की दूसरी लहर की वजह से कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी दिखाने वाली कई खबरें सामने आई हैं.हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि ये फोटो आगरा के फतेहपुर सीकरी की है और साल 2020 में खींची गई थी. फोटो में दिख रहे पुलिसकर्मियों में से एक प्रशांत सिंह ने हमें बताया कि वे लाश को उठाकर एंबुलेंस तक ले जा रहे थे, न कि श्मशान.दावाइस दावे को कई यूजर्स ने फेसबुक और ट्विटर पर शेयर किया है. उत्तर प्रदेश के रामपुर खास से कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोना ने भी इसे शेयर किया है.उन्होंने इस फोटो को 16 मई को पोस्ट करते हुए लिखा, ''परिवार ने मृतक को छोड़ दिया और बदायूं का सिपाही उस शव को अपने कंधों पर ले जाता हुआ. पुलिस कर्मी का अभिनंदन किया जाना चाहिए. लेकिन, वो एंबुलेंस और शववाहन कहां हैं जिनका राज्य सरकार दावा करती है कि कोई कमी नहीं है. बीजेपी ने शव का अपमान किया है. दुखद और शर्मनाक.'' उन्होंने #DignityToTheDead हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए ये पोस्ट किया है.पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)इस पोस्ट को रतन टाटा के फेसबुक फैन पेज पर भी शेयर किया गया है. इस पेज में 150.4 हजार सदस्य हैं. आप इस पोस्ट का आर्काइव यहां देख सकते हैं.इस फोटो को ऐसे ही दावे के साथ कई यूजर्स ने फेसबुक और ट्विटर पर शेयर किया है. इनका आर्काइव आप यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.पड़ताल में हमने क्या पायाहमने आराधना मिश्रा मोना के ट्वीट पर किए गए कमेंट देखे. हमें यूपी पुलिस के सचिन कौशिक का जवाब मिला.उन्होंने बताया कि जिन तस्वीरों को बदायूं का बताया जा रहा है वो आगरा के थाना फतेहपुर सीकरी की हैं और 2020 की हैं. उन्होंने आगे बताया कि इन तस्वीरों का कोविड 19 से कोई संबंध नहीं है.उन्होंने आगे लिखा कि सब इंस्पेक्टर प्रशांत और कॉन्सटेबल अमन शव को मुर्दाघर तक ले जाने के लिए, गाड़ी तक कंधे पर लाए थे, न कि अंतिम संस्कार के लिए. घटनास्थल तक...More Related News