ऊदा देवी : 36 अंग्रेज़ सैनिकों को मार कर पति की मौत का बदला लेने वाली महिला
BBC
हमारी पुरखिन के दूसरे सीज़न की शुरुआत एक ऐसी महिला की कहानी से जिसने अंग्रेज़ सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए थे.
इतिहास के पन्नों में भले ही इनकी कहानी दर्ज ना हुई हो लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आसपास के इलाक़े में इनकी बहादुरी की कहानी कहने वालों की फेहरिस्त लंबी है. दलित समुदाय से आने वाली ऊदा देवी, लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह की बेगम हज़रत महल की सुरक्षा में तैनात थीं जबकि उनके पति मक्का पासी नवाब की सेना में थे. समाजशास्त्री प्रोफ़ेसर बद्री नारायण तिवारी बताते हैं, "ऊदा देवी, हज़रत महल बेगम की सेना का हिस्सा थीं. वो अपने पति के जीवन काल में ही सैनिक के रूप में शिक्षित हो चुकी थीं. ऊदा देवी पहले वहां पर सेविका थीं और सैन्य सुरक्षा दस्ते की सदस्य भी थीं. सेना में गार्ड प्राय: दलित जाति की महिलाएं हुआ करती थीं. ये महिलाएं बहुत ऐसी छोटी-छोटी जातियों से हुआ करती थीं जिनका काम सेवा था लेकिन सेवा के साथ उनमें से कुछ को चुन कर रानी या रानियां या राजा उनको प्रशिक्षित करते थे." साल 1857 में भारत में जब अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ पहला विद्रोह हुआ तो लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह को अंग्रेजों ने कलकत्ता निर्वासित कर दिया था. उस समय विद्रोह का परचम उनकी बेगम हज़रत महल ने उठाया. लखनऊ के पास चिनहट नाम की जगह पर नवाब की फौज़ और अंग्रेजों के बीच टक्कर हुई और इस लड़ाई में ऊदा देवी के पति मक्का पासी मारे गए.More Related News