उप राष्ट्रपति ने कहा- डॉक्टरों के लिए इतने साल की ग्रामीण सेवा अनिवार्य होनी चाहिए
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11वें वार्षिक चिकित्सा शिक्षक दिवस पुरस्कार सम्मान में राष्ट्रपति ने कहा कि युवा डॉक्टरों के लिए तीन से पांच साल ग्रामीण इलाकों में सेवा देना जरूरी है.
हैदराबादः उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने इतवार को कहा कि सरकारी क्षेत्र में कार्यरत डॉक्टरों को पहली पदोन्नति के लिए ग्रामीण इलाके में उनकी खिदमत को लाजिमी बनाना चाहिए. आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक यहां आयोजित 11वें वार्षिक चिकित्सा शिक्षक दिवस पुरस्कार सम्मान में राष्ट्रपति ने कहा कि युवा डॉक्टरों के लिए तीन से पांच साल ग्रामीण इलाकों में सेवा देना जरूरी है. उन्होंने रेखांकित किया कि देश की 60 फीसदी आबादी गांवों में रहती है. नायडू ने कहा कि यह (ग्रामीण इलाकों में सेवा) अनिवार्य बनाया जाना चाहिए. मैं जानता हूं कि कई लोग इसे पसंद नहीं करेंगे, लेकिन मेरा मानना है कि यह जरूरत है. देश में डॉक्टर-मरीज अनुपात के अंतर को पाटना जरूरी उपराष्ट्रपति ने सरकार के जरिए मुल्क में डॉक्टर-मरीज अनुपात के अंतर को पाटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का संदर्भ देते हुए जोर दिया कि चिकित्सा महाविद्यालयों की तादाद बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर-मरीजों का अनुपात एक डॉक्टर पर 1456 मरीजों का है जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानक एक डॉक्टर पर एक हजार मरीज का है. उन्होंने सरकार की प्रत्येक जिले में कम से कम एक चिकित्सा महाविद्यालय खोलने की योजना की तारीफ की है. साथ ही रेखांकित किया कि शहरी-ग्रामीण डॉक्टरों में भारी अंतर है क्योंकि अधिकतर चिकित्सा पेशेवर शहरी इलाकों में प्रैक्टिस करने का विकल्प चुनते हैं.More Related News