उत्तराखंड: जान जोखिम में डालकर कोरोना से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं पर्यावरण मित्र
ABP News
प्रशासन और पर्यावरण के सिपाहियों के इस कदम से ना सिर्फ कोरोना से मरने वालों को सम्मानपूर्वक अंतिम विदाई मिल रही है. वहीं दूसरी तरफ ये भी सुनिश्चित हो रहा है कि अंतिम संस्कार के नाम पर लाशों को लापरवाही से नदी किनारे ना छोड़ दिया जाए. देश के कई हिस्सों से ऐसी तस्वीरें आ रही हैं जिनमे शवों को ऐसे छोड़ दिया गया है जिससे प्रकृति और वातावरण के लिए नया संकट उठ खड़ा हुआ है.
कोरोना की मार पूरा देश झेल रहा है. लगातार कोविड के केस सामने आ रहे हैं और देश में मौतें भी हो रही हैं. कोरोना उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में फैल रहा है, लेकिन संकट की इस घड़ी के बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं जो जान हथेली पर रखकर कोरोना के इस काल में कुछ अच्छा काम कर रहे है. ये लोग हैं पर्यावरण मित्र. दरअसल कोरोना से मरने वाले लोगों का ये पर्यावरण मित्र जान जोखिम में डालकर अंतिम संस्कार कर रहे हैं. पिथौरागढ़ के घाट में नदी किनारे अंतिम संस्कार किया जा रहा है. ये जगह प्रशासन की तरफ से दी गई है. कोविड से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार यहीं किया जा रहा है. इस दूसरी लहर में पिथौरागढ़ में अब तक कोरोना से 67 लोगों की मौत हो चुकी है. कैसे किया जा रहा है अंतिम संस्कार ये जानने के लिए एबीपी न्यूज़ की टीम पहुंची घाट पर. जिला अस्पताल से एक एक शव को लेकर टीम यहां पहुंची. सबसे पहले अंतिम संस्कार करने वाले पर्यावरण मित्रों में PPE किट पहनी और उसके बाद शव को लेकर नदी किनारे पहुंचे.More Related News