इलेक्शन जरूरी काम है तो कानून का पालन नहीं होगा? बॉम्बे HC ने राज्य चुनाव आयोग से जानें क्यो किया यह सवाल
AajTak
महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट रखने के लिए गए अस्थायी गोदाम के निर्माण के लिए पुणे में एक पब्लिक पार्क की जमीन को अपने नियंत्रण में ले लिया. मामला बॉम्बे हाई कोर्ट तक पहुंचा. अदालत ने जमीन पर नियंत्रण के लिए राज्य चुनाव आयोग के तरीके पर चिंता व्यक्त की.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को उस तरीके पर चिंता व्यक्त की, जिस तरह से महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग ने पुणे में पब्लिक के लिए रिजर्व ओपन स्पेस पर कब्जा कर लिया. राज्य चुनाव आयोग (SEC) इस जगह पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) रखेगा. मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (PCMC) क्षेत्र के प्रशांत राउल द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिकाकर्ता ने अकुर्दी मेट्रो इको पार्क का उपयोग करने के राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों के प्रस्ताव का विरोध किया था.
कथित तौर पर इस भूमि का उपयोग ईवीएम, वीवीपीएटी रखने के लिए गोदाम बनाने और भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के रीजनल इलेक्शन ट्रेनिंग सेंटर के रूप में किया जाना था. याचिकाकर्ता का आरोप है कि पार्क के भीतर कुछ ओपन स्पेस को कथित तौर पर इस उद्देश्य के लिए अवैध रूप से एसईसी को हस्तांतरित कर दिया गया. पीठ ने सवाल किया कि जमीन का हिस्सा राज्य चुनाव आयोग को कैसे आवंटित किया गया.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने क्या कहा? कोर्ट ने कहा, 'हमने यहां देखा है कि जिला कलेक्टर ने जमीन को अपने नियंत्रण में ले लिया है और चूंकि वह मुख्य निर्वाचन अधिकारी हैं, इसलिए उनके कहने पर जमीन का कब्जा एसईसी को ईवीएम और वीवीपैट के भंडारण के लिए दे दिया गया है. सरकार जमीन की मालिक नहीं है, लेकिन वह बिना अनुमति या भुगतान के जमीन पर कब्जा कर रही है. यह आवंटन कैसे किया गया? चुनाव सार्वजनिक उद्देश्य की पूर्ति करता है, केवल इसलिए उससे जुड़े कार्यों के लिए कानूनी अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है?'
अदालत ने यह भी पूछा कि राज्य के भूमि कानूनों के अनुसार लैंड यूज में बदलाव किए बिना उसका तुरंत उपयोग कैसे किया जा सकता है? मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'यदि हम चुनाव कराने के नाम पर इसकी अनुमति देते हैं, तो कुछ चिंताएं पैदा होती हैं. काफी सोच-विचार के बाद इन भूखंडों को एक विशेष उद्देश्य के लिए आरक्षित किया गया है. कम से कम 600 पौधे लगाए गए हैं. इस जगह के साथ गैरकानूनी तरीके से छेड़छाड़ की हम अनुमति नहीं दे सकते. हमारी चिंता केवल लैंड यूज में बदलाव की नहीं है, बल्कि जिस तरीके से इसे (चुनावों के कारण) लिया गया है, वह है. एक आम आदमी महसूस कर सकता है कि यह महत्वपूर्ण है. लेकिन अगर हम इसकी अनुमति देते हैं, तो यह गैरकानूनी काम को सहमति देने जैसा होगा.'
एसईसी की ओर से पेश अधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी और अक्षय शिंदे ने अदालत को सूचित किया कि भूमि का कुछ हिस्सा जो हाल ही में उसे हस्तांतरित किया गया था, उसका उपयोग किसी भी गतिविधि के लिए नहीं किया जाएगा और कोई भी खड़ा पेड़ नहीं काटा जाएगा. पीठ ने इस बयान को अपने आदेश में दर्ज किया और कहा कि यह 18 जून तक प्रभावी रहेगा जब अदालत याचिका के गुण-दोष पर विचार करेगी. अदालत ने एसईसी, पीसीएमसी, पुणे मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रीय विकास क्षेत्र (PMRDA) और महाराष्ट्र सरकार को भी नोटिस जारी किया और कहा, 'इस मामले पर विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह व्यापक सार्वजनिक हित और पर्यावरण से संबंधित है. इसलिए, हम सभी प्रतिवादियों से 10 जून तक अपने हलफनामे दाखिल करने की अपील करते हैं.'
Maharashtra Assembly Election Result 2024: महायुति एक बार फिर राज्य की सत्ता में वापसी कर रही है. जनता ने महायुति के तीनों दलों बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) पर भरोसा जताया. यही कारण है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन एमवीए 60 सीट भी नहीं पाती नजर आ रही है.
IND vs AUS Perth Test Day 2 Highlights: पर्थ टेस्ट के दूसरे दिन (23 नवंबर) भारतीय टीम मजबूत स्थिति में है. भारतीय टीम ने दूसरी पारी में शानदार खेल दिखाया. दिन का जब खेल खत्म हुआ तो केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल जमे हुए थे. पहली पारी में भारतीय टीम 150 रनों पर आउट हुई थी. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 104 रन बनाए थे.