इंदौर: 4 साल से एक फेफड़े से सांस ले रही है मासूम, हंसते-हंसते कोरोना को हराया
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बच्ची ने अपने 40 प्रतिशत लंग्स के साथ पर अपनी मजबूत इच्छाशक्ति, हौसले और दृढ़ आत्मविश्वास के बदौलत कोविड-19 जैसी घातक महामारी पर विजय हासिल कर ली. सिमी के पास जन्म से ही उसका एक हाथ नहीं है. जिंदा रहने के लिए वह हर रोज एक-एक सांस के लिए लड़ती है. 4 साल से हर रात उसे ऑक्सीजन लगती है, लेकिन उसके हौसले के आगे कोरोना भी पस्त हो गया है.
मध्य प्रदेश के इंदौर में 12 साल की एक मासूम बच्ची के हौसले ने उसे एक फेफड़े के साथ जिंदा रख रखा है. यही नहीं बच्ची के मजबूत इरादों के चलते उसने कोरोना जैसी गंभीर महामारी पर विजय हासिल कर ली है. सिमी ने 15 से 20 दिनों तक एक फेफड़े के साथ जो 40% ही काम करता है, कोरोना की जंग जीत ली.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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