इंदौर: कोरोना ने दिखाए ये दिन, पहले टोकन लेकर 8 घंटे इंतजार, फिर शवों का अंतिम संस्कार
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इंदौर में परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए भी टोकन बांटे जा रहे हैं. वहीं उस टोकन को हासिल करना भी मृतक के परिजनो के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. 6 से 8 घंटे इंतजार करने के बाद अंतिम संस्कार करने का मौका मिल रहा है.
मध्यप्रदेश में कोरोना से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. राज्य में कोरोना का ऐसा विस्फोट हुआ है कि रोज नए रिकॉर्ड कायम हो रहे हैं और मरने वालों की संख्या में भी तेजी आई है. हालात इतने खराब हैं कि अब श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार होना मुश्किल साबित हो रहा है. इंदौर में तो परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए भी टोकन बांटे जा रहे हैं. वहीं उस टोकन को हासिल करना भी मृतक के परिजनो के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. 6 से 8 घंटे इंतजार करने के बाद अंतिम संस्कार करने का मौका मिल रहा है. इंदौर के श्मशान घाटों में शवों की लाइनसबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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