आशा ने लता दीदी को किया याद, बोलीं- कभी कुछ नहीं मांगा, 80 रुपये में भी घर चलाया
AajTak
स्टारप्लस की 8 एपिसोडिक सीरीज 'नाम रह जाएगा' के जरिए लेजेंडरी लता मंगेशकर को खास श्रद्धांजलि देने के लिए भारत के सबसे लोकप्रिय 18 गायक एक साथ आए हैं. आशा भोसले ने 'नाम रह जाएगा' के अपकमिंग एपिसोड में अपनी प्यारी बहन लता मंगेशकर से जुड़ी खास यादों को किया साझा.
टीवी सीरीज 'नाम रह जाएगा' के अपकमिंग एपिसोड में आशा भोसले ने अपनी बहन लता मंगेशकर के बारे में अमेजिंग कहानियां साझा कीं. बताया कि लोग उन्हें दीदी और ताई कहकर बुलाते थे, जो मनमोहक था. उनके पास काफी अलग व्यक्तित्व और स्टाइल था. जबकि मैं काफी ऑउटगोइंग थीं तो वहीं लता शर्मीली.
आशा भोसले ने की बहन की तारीफ
आशा भोसले ने शो में अपनी बहन लता मंगेशकर को याद करते हुए कहा, "मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि वह चली गई हैं. अब भी लगता है कि मुझे कभी भी "आशा, काशी आहेस तू?" कहते हुए फोन आएगा''. लता मंगेशकर वास्तव में एक मजबूत महिला थीं और उन्हें हमेशा से पता था कि उन्हें क्या चाहिए. उनका विनम्र और डाउन टू अर्थ नेचर लाखों लोगों के लिए एक मिसाल था. लता मंगेशकर के विश्वास का खुलासा करते हुए आशा ने साझा किया, "लता दी ने एक बार पढ़ा था कि यदि आप अपने माता-पिता के पैर धोते हैं और वह पानी पीते हैं, तो आप बहुत सफल हो जाते हैं. इसलिए उन्होंने मुझसे पानी लाने के लिए कहा, उन्होंने थाली ली, और उनके पैर धोए और हम सभी को चरण अमृत की तरह पीने के लिए कहा. वह मानती थी कि इसे पीने से हम सफल होंगे और मुझे लगता है कि यह हमारे लिए काम किया."
शादी के बंधन में बंधे Nayanthara-Vignesh, सामने आई फर्स्ट फोटो, ड्रीमी है कपल का वेडिंग लुक
गरीबी में बिताया बचपन
आशा भोसले ने कहा कि लता मंगेशकर के जीवन में काफी उतार-चढ़ाव आए. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बहन ने कभी कुछ नहीं मांगा, लेकिन केवल एक सादा जीवन जिया और कुछ घटनायों ने यह साबित भी किया. जिसपर आगे बात करते हुए वे बताती हैं, "दीदी 80 रुपये कमाती थीं और हम उस पैसे से अपना घर चलाते थे. हम 5 लोग थे, और हमारे कई रिश्तेदार होते थे जो हमसे मिलने आते थे. दीदी ने कभी किसी को ना नहीं कहा, वह बांटने में विश्वास करती थीं. कई बार हम 2 आने के लिए कुरमुरा (फूला हुआ चावल) खरीदते थे और उसे चाय के साथ खाते थे और सो जाते थे. हमें कोई शिकायत नहीं थी, वे बस खुशियों के समय थे."