'आवाज' दफ्न करने वाली पाकिस्तान की सेना से अब हिसाब मांग रहे हैं लोग, जानिए क्यों मचा है बवाल
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कुछ को बर्दाश्त नहीं होता कि उनके जुल्मों की कहानियों को सरेआम सबके सामने उछाला जाए. इसलिए वो आवाज को दबाने के लिए गला पकड़ते हैं. मौत का खूनी खेल खेलते हैं.
नई दिल्लीः कलम की ताकत कुछ लोगों को अक्सर अखरती है. कुछ लोगों को हजम नहीं होता कि उनपर सवाल उठाए जाएं. कुछ को बर्दाश्त नहीं होता कि उनके जुल्मों की कहानियों को सरेआम सबके सामने उछाला जाए. इसलिए वो आवाज को दबाने के लिए गला पकड़ते हैं. मौत का खूनी खेल खेलते हैं. लेकिन उन्हें पता नहीं होता कि राख में अंगारों का अतीत दफ्न होता है, जो चिंगारियों को भड़काता रहता है और कभी कभी ये चिंगारी बन उठती है ज्वालामुखी जो हर वक्त का हिसाब लेती है. पाश ने अपनी एक कविता में सच ही कहा है...More Related News