असंतुष्टों को चुप कराने के लिए नहीं किया जा सकता राजद्रोह कानून का इस्तेमाल : कोर्ट
NDTV India
आदेश में कहा गया कि हिंसा, अथवा किसी तरह के भ्रम अथवा तिरस्कारपूर्ण टिप्पणी या उकसावे के जरिये आरोपियों के द्वारा सार्वजनिक शांति में किसी तरह की गड़बड़ी या अव्यवस्था फैलाने के अभाव में मुझे संदेह है कि आरोपी पर धारा 124 (ए) के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
दिल्ली की एक अदालत ने राजद्रोह कानून को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court)ने कहा है कि उपद्रवियों पर लगाम लगाने के नाम पर असंतुष्टों को चुप करने के लिए राजद्रोह के कानून (sedition law) का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. किसान आंदोलन (Kisan Aandolan) के दौरान सोशल मीडिया पर फेक वीडियो पोस्ट कर अफवाह फैलाने और राजद्रोह करने के दो आरोपियों को जमानत देते हुए अडीशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राना (Dharmender Rana) ने यह टिप्पणी की.कोर्ट ने मामले में देवीलाल बुड़दाक और स्वरूप राम को जमानत दे दी, इन दोनों दोनों को इसी महीने दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था.More Related News