अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के 30 दिन पूरे: धंधा हुआ मंदा और हवा में फैला ख़ौफ़
BBC
तालिबान के लड़ाकों के सत्ता हथियाने के एक महीने बाद बीबीसी संवाददाता सिकंदर किरमानी ने पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान का दौरा किया और जाना कि बीते 30 दिनों में यहां लोगों की ज़िंदगी कितनी बदली है.
उज़्बेकिस्तान की तरफ से सीमा पार कर कुछ मालवाहक गाड़ियां अफ़ग़ानिस्तान यानी नए बने 'इस्लामिक अमीरात' की तरफ आ रही हैं. अफ़ग़ानिस्तान से सटी उज़्बेकिस्तान की सीमा पर दूर से ही उज़्बेक राष्ट्रीय झंडे का पास तालिबान का काला और सफेद झंडा लहराता दिखता है.
उज़्बेकिस्तान से इस रास्ते अफ़ग़ानिस्तान आ रहे कुछ व्यापारी अफ़ग़ानिस्तान में हुए सत्ता के परिवर्तन से खुश नज़र आते हैं. गेंहू से लदा ट्रक चला रहे एक ड्राइवर ने मुझसे कहा कि अफ़ग़ानिस्तान सीमा पार करने के बाद हर चेक नाके पर उन्हें भ्रष्ट पुलिस अफ़सरों को घूस देनी होती थी लेकिन "अब ऐसा नहीं है."
उन्होंने कहा कि "मैं गाड़ी लेकर सीधा काबुल तक पहुंचा और मुझे रास्ते में किसी को एक पैसा भी घूस नहीं देना पड़ा."
अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा हुए अब एक महीने का वक़्त हो गया है. देश में कैश की भारी किल्लत है और फिलहाल तालिबान के सामने सबसे बड़ी चुनौती सामने मुंह बाये खड़े आर्थिक संकट का समाधान खोजना है.
व्यापारियों के समुदाय से जुड़े एक सूत्र ने मुझे बताया कि बाहर से सामान आयात करने वाले अफ़ग़ान व्यापारी क़ीमत नहीं चुका पा रहे हैं जिस कारण व्यापार अब काफी सुस्त हो गया है.