अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कदमों की धमक, 1700 भारतीयों का क्या होगा?
BBC
विकास परियोजनाओं और व्यापारिक गतिविधियों से जुड़े भारतीय अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के मज़बूत होने से असुरक्षित महसूस कर रहे हैं
"मैं हर रोज़ जब सोने जाता हूँ तो अपना बैग खिड़की के पास रखता हूँ. इस बैग में एक जोड़ी जूते, कपड़े, पासपोर्ट, ज़रूरी कागज़ात और नकदी रहती है. ये किसी जासूसी फिल्म के सीन जैसा लग सकता है लेकिन अफ़ग़ानिस्तान में हम ऐसे ही रहते हैं. यहां कभी भी कुछ भी हो सकता है और आपको अपना बैग लेकर यहां से भागना पड़ सकता है." ये शब्द उस भारतीय शख़्स के हैं जो एक लंबे समय से अफ़ग़ानिस्तान में रहकर काम कर रहे हैं. पिछले कुछ हफ़्तों से अफ़ग़ानिस्तान में ज़मीनी हालात तेजी से बदले हैं. तालिबान लड़ाकों ने एक के बाद एक लगातार दो दर्जन से ज़्यादा ज़िलों पर कब्जा कर लिया है. अफ़ग़ान सेना कई ज़िलों को वापस अपने कब्जे में लेने का दावा कर रही है. लेकिन इस सबके बीच ज़मीन पर हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. पिछले कुछ घंटों में जर्मनी और पोलैंड समेत कई मुल्कों की सेनाएं शांति के साथ अफ़ग़ानिस्तान छोड़कर जा चुकी हैं.More Related News