अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को मदद करने वाले ज़िया ग़फ़ूरी की आपबीती
BBC
ज़िया को लगा कि उनके साथ उस देश ने धोखा किया है, जिसने उनका ख्याल रखने का वादा किया था. उनके दो बच्चे, जो बहुत छोटे थे, उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा.
ज़िया ग़फ़ूरी अपनी गर्भवती पत्नी और तीन छोटे बच्चों के साथ सितंबर 2014 में काबुल से अमेरिका पहुँचे थे. उनके पास पाँच अमेरिकी वीज़ा थे. अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी स्पेशल फ़ोर्स में अनुवादक के तौर पर 14 साल काम करने पर उन्हें ये इनाम दिया गया था. लेकिन उन्हें दी जाने वाली सभी सुविधाएं बंद कर दी गईं. यहाँ पहुंचने के बाद ज़िया बेघर हो गए- उन्हें कुछ वॉलंटियर्स ने एक शेल्टर होम में भेज दिया और कहा कि ये वहाँ से अपने परिवार के साथ नई शुरुआत कर पाएंगे. सात साल बाद भी उन्हें उन बातों को याद कर ग़ुस्सा आता है. नॉर्थ कैरोलाइना से उन्होंने बीबीसी से कहा कि वो याद करते हैं कि कैसे वो अपने बच्चों से आँखें नहीं मिला पाते थे और अमेरिका लाने के लिए उनसे माफ़ी मांगते थे. वो कहते हैं, "मेरे आंसू नहीं रुकते थे. दोनों देशों के लिए मैंने जो किया उसके बाद मुझे लगता था कि क्या मैं इसी लायक हूँ."More Related News