'अगर डल्लेवाल को यहां से उठाया तो...', आमरण अनशन के 26वें दिन खनौरी बॉर्डर से किसानों की चेतावनी
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सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के हेडक्वार्टर में तैनात फोर्स को खनौरी बॉर्डर के लिए भेजा जा रहा है, सांसदों की धक्कामुक्की दिल्ली में हुई, तो वहां सभी हालचाल पूछने जा रहे हैं, लेकिन यहां सीनियर किसान नेता 26 दिन से आमरण अनशन पर हैं, लेकिन सरकार ने कोई सुध-बुध नहीं ली.
अन्नदाता अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. इसी बीच किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. किसान नेता सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज 26वें दिन भी जारी है. गुरुवार के दिन डल्लेवाल नहाने के बाद बेहोश हो गए थे, तभी से उनका ब्लड प्रेशर सही नहीं है. डल्लेवाल ने आज किसी से मुलाकात नहीं की. लेकिन उन्होंने एक मैसेज दिया है.
सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के हेडक्वार्टर में तैनात फोर्स को खनौरी बॉर्डर के लिए भेजा जा रहा है, सांसदों की धक्कामुक्की दिल्ली में हुई, तो वहां सभी हालचाल पूछने जा रहे हैं, लेकिन यहां सीनियर किसान नेता 26 दिन से आमरण अनशन पर हैं, लेकिन सरकार ने कोई सुध-बुध नहीं ली.
हरियाणा से किसानों को यहां आने नहीं दिया जा रहा. रास्ते ब्लॉक किए गए हैं, हरियाणा में पुलिस किसानों के घरों में जा रही है, यहां पंजाब प्रशासन की ओर से अस्थाई अस्पताल बनाया गया है, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर डल्लेवाल को यहां से उठाकर ले गए, तो खून-खराबा होगा.
किसानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात करने खनौरी बॉर्डर पहुंचे.
डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट को लिखा पत्र
अनशन के 25वें दिन यानी शुक्रवार को किसान नेता डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर केंद्र को किसानों की मांगें स्वीकार करने के निर्देश देने की मांग की. 70 वर्षीय डल्लेवाल कैंसर से पीड़ित हैं और आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे हैं. सुप्रीम कोर्ट को लिखे पत्र में डल्लेवाल ने लिखा कि किसानों की मांगों के समर्थन में उनकी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी है.
अन्नदाता अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. इसी बीच किसानों ने खनौरी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. किसान नेता सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि सांसदों की धक्कामुक्की दिल्ली में हुई, तो वहां सभी हालचाल पूछने जा रहे हैं, लेकिन यहां सीनियर किसान नेता 26 दिन से आमरण अनशन पर हैं, लेकिन सरकार ने कोई सुध-बुध नहीं ली. वहीं, कुवैत पहुंचने के तुरंत बाद शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो स्थानीय लोगों अब्दुल्ला अल बैरन और अब्दुल्लातीफ अलनेसेफ से मुलाकात की. ये वही लोग हैं जिन्होंने भारतीय महाकाव्य रामायण और महाभारत का अरबी में अनुवाद करके प्रकाशित किया है.
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